आपने भारत के बहुत से नक्शे देखे होंगे पर आज मैं आपको जो दिखाने जा रहा हूं वो कभी नहीं देखा होगा....भारतीय रेल की माने तो दिल्ली पाकिस्तान में चला गया है...इतना ही नहीं ग्वालियर गुजरात का हिस्सा है..ये तो कुछ भी नहीं अब वाराणसी उड़ीसा का हिस्सा होगा..औऱ कोलकाता बंगाल की खाड़ी में होगा...आप चौक गए होंगे कि मैं ये क्या कह रहा हूं पर ये कारनामा किया है रेलवे के एक विज्ञान ने..इस विज्ञापन में दिल्ली को भारत की राजधानी न बताकर पाकिस्तान का हिस्सा बताया गया है...देश में छोटा से बच्चा भी बता सकता है कि दिल्ली कहा हैं पर वो लोग जिन पर देश चलाने कि जिम्मेदारी है वो अंधे हो गए और इतनी बड़ी लापरवाही के साथ इस मैप को रेलवे के विज्ञापन में छाप दिया....आज कोलकाता में ममता बनर्जी महाराजा एक्स को हरी झंडी दिखाने वाली थी औऱ उनके स्वागत में ये विज्ञापन रेलवे में छपा था मतलब ममता ने भी देखा होगा इस मैप को पर उनके दिमाग में भी नहीं आया कि दिल्ली भारत में है या पाकिस्तान में...इससे पहले भी महिला औऱ बाल विकास मंत्रालय के विज्ञापन में पाक सेना अधिकारियों की फोटो छप चुकी है....बड़ा सवाल ये पैदा होता है कि इतने लापरवाह हो गए हैं हमारे देश के अधिकारी कि उन्हे ये भी पता न हो कि देश में कौन सा हिस्सा कहां पर है...अगर ऐसा है तो शर्मनाक है..ममला बड़ा तो सियासत भी होने लगी भाजपा पीएम से बोली मांफी मांगो..सीपीआई ने केंद्र सरकार की गलती बताई ये नेता तो लगता है उधार बैठे रहते है कि कही कुछ हो औऱ ये बयान दे..खैर इतनी बड़ी लापरवाही विश्व के सबसे बड़े रेल नेटवर्क के विज्ञापन में हुई है और मंत्रालय चुप है,,,,कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है..जनता को जवाब चाहिए पर शायद ऐसा कोई भी जिम्मेदार अधिकारी बोलने के तैयार नहीं है कि ऐसी लापरवाही बार बार क्यों होती है...
रोमल भावसार
समय
कुछ अपनी...
इस ब्लॉग के ज़रिए हम तमाम पत्रकारों ने मिलकर एक ऐसा मंच तैयार करने की कोशिश की है, जो एक सोच... एक विचारधारा... एक नज़रिए का बिंब है। एक ऐसा मंच, जहां ना केवल आवाज़ मुखर होगी, बल्कि कइयों की आवाज़ भी बनेंगे हम। हम ना केवल मुद्दे तलाशेंगे, बल्कि उनकी तह तक जाकर समाधान भी खोजेंगे। आज हर कोई मशगूल है, अपनी बात कहने में... ख़ुद की चर्चा करने में। हम अपनी तो कहेंगे, आपकी भी सुनेंगे... साथ मिलकर।
यहां एक समन्वित कोशिश की गई है, सवालों को उठाने की... मुद्दों की पड़ताल करने की। इस कोशिश में साथ है तमाम पत्रकार साथी... उम्मीद है यहां होने वाला हर विमर्श बेहद ईमानदार, जवाबदेह और तथ्यपरक होगा। हम लगातार सोचते हैं, लगातार लिखते हैं और लगातार कहते हैं... सोचिए, अगर ये सब मिलकर हो तो कितना बेहतर होगा। बिल्कुल यही सोच है, 'सवाल आपका है' के सृजन के पीछे। सुबह से शाम तक हम जाने कितने चेहरों को पढ़ते हैं, कितनी तस्वीरों को गढ़ते हैं, कितने लोगों से रूबरू होते हैं ? लगता है याद नहीं आ रहा ? याद कीजिए, मुद्दों की पड़ताल कीजिए... इसलिए जुटे हैं हम यहां। आख़िर, सवाल आपका है।।
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4 टिप्पणियाँ:
बावाढे हो गए है सब के सब
नक्शे का रूट से कोई लेना देना नहीं है...नाहक चैनलिए इसे मुद्दा बनाए बैठे हैं और रेवले के बाबू हैं कि टी0 वी0 चैनल का नाम सुनते ही सफाइयां देते घूमने लगते हैं.
काहे नहीं इन जोकरों से पूछते कि क्या बाक़ी शहर भी नक्शे में वहीं हैं (?) जहां वो दिखाई दे रहे हैं...फिर एक ही शहर की बात क्यों ?
ये एक भयंकर गलती है. लेकिन क्या वह मैं बता रहा हूं रूट बिल्कुल ठीक है और नक्शा भी. हुआ यह है कि रूट का साइज छोटा नहीं किया गया और नक्शे के ऊपर प्रिन्ट कर दिया गया. नक्शे का साइज छोटा था और रूट का बड़ा. लेकिन प्रिन्ट निकलने के बाद इसे चेक करना चाहिये था जो नहीं किया गया.
सही कहा आपने........एक औऱ हम गूगल से लड़ रहे हैं कि वो गलत मैंप छापता है वही हमारे देश के विज्ञापन में ही ऐसा मैंप छपा जिसमे़ पाकिस्तान को दिल्ली में दिखाया गया है
नेहा सेठ
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