माया की माला


मायावती की लखनऊ में रैली और रैली में करोड़ों की माला....बीएसपी के हिसाब से इसकी कीमत 11 लाख है...न्यूज चैनल इसे 2 से 3 करोड़ का बता रहे हैं तो मुलायम ने इसकी कीमत 51 करोड़ लगाई है....खैर जो भी हो..पिछले दिनों कई शहरों के IAS अधिकारियों के घर छापे...हैदराबाद के एक इंजीनियर के घर करोड़ों मिलना...कई और भी ऐसे मामले है जिसने कुछ बीती बाते याद करने पर मजबूर कर दिया....अगर आप के पास थोड़ा समय हो तो मैं आपको अपने बच्चपन में ले जाना चाहता हूं....जब मैं छोटा था तो मेरे दादाजी हमेशा मुझसे कहा करते थे 'बेटा हमारा देश सोने की चिड़िया था..अग्रेजों ने इसे लूट लिया' मुझे 'था' बहुत बुरा लगा था और सोचता था कि हमारा देश अब सोने कि चिड़िया क्यों नहीं है..इसी तरह हर बात पर 'था' का इस्तेमाल हम सब आज तक करते आ रहे हैं और जो है उसके बारे में सोचते नहीं हैं...जैसे हमारे देश की अच्छी संस्कृति थी, हमने अंग्रेजों को भागने पर मजबूर कर दिया था,भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे, भगत सिंह ने हसते हसते फांसी के फंदे को गला लगा लिया था..आप सोच रहे हैं कि आज मैं ये बाते क्यों कर रहा हूं..तो सुनिए जनाब आज भी हम सोने की चिड़िया से कम नहीं है पर पैसा गलत हाथों पर जाकर फस चुका है और जो जितना गरीब है वो गरीब होता जा रहा है और जो अमीर है उसकी तिजोरी भरती जा रही है..आप खुद ही सोचिए मध्यप्रदेश के IAS अधिकारी के घर जब आयकर विभाग ने छापा मारा तो नोटों से भरे बिस्तर मिले,कुल संपत्ति तीस करोड़ से भी ज्यादा,छत्तीसगढ़ छापे भी अधिकारियों के घर छापे में करोड़ों मिले..अब जब एक IAS अधिकारी के घर इतना मिल सकता है तो माया मैडम और उनके चम्मों के पास कितना हो सकता है क्या मालूम...हम अकेले मायावती की बात क्यों करे...किसी भी प्रदेश की सत्ता में बैठी सरकार के एक छोटे से विधायक के पास भी आज करोड़ों की संपत्ति है..और इसका जिम्मेदार कौन है..हम....हमने इनको वहां पहुंचाया है जहां जाकर ये अपने आप को सबकुछ समझने लगे....दरअसल मुझे तो अब ये लगने लगा है कि इस देश के लोगों को गुलामी की आदत पड़ चुकी है पहले मुगलों की गुलामी की फिर अंग्रेजों की गुलामी की औऱ अब इन भ्रष्ट नेताओं कि कर रहे हैं..औऱ ये बताईएं मै कौन होता हूं किसी के खिलाफ कुछ कहने वाला जिस प्रदेश की सीएम है मायावती उस प्रदेश के लाखों लोग रैली में पहुंचे थी..उस प्रदेश के हज़ारों लोग आज भी माया को देवी मानते हैं...और लगभग यही हाल हर प्रदेश का है तो जनाब हम बोलेगे तो बोलोगे कि बोलता है इस लिए जय हो इस देश के नेताओं कि और जय हो हम जैसी प्रजा की जो आंखे खोलकर इस देश का ये हाल होते देख रहे हैं...

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