आखिर क्यों ये अत्यचार ?

आज सुबह अचानक टीवी पर मेरी नज़र पड़ी...और मैं ठिठक सी गई....क्योंकि कुछ ऐसा दिखाया जा रहा था कि चाह कर भी मेरी निगाहें न्यूज़ चैनल पर ठहर गई....खबर थी झारखंड से जहां कुछ जगहों पर महिलाओं को डायन बताकर मौत के घाट उतार दिया जाता है.....मेरे ये लिखते और ये प्रोग्राम देखते तक शायद और कोई महिलाएं इस घटना की शिकार हुई हों.....घर में किसी के बीमार पड़ने किसी को लकवा मारने या किसी की अचानक मौत हो जानें पर उस घर की महिला को डायन करार देकर उसकी सरेआम हत्या कर दी जाती हैं....इस खबर ने मुझे अपनी ओर खींचा.....क्योंकि मामला महिलाओं पर अत्याचार का जो था.....आखिर मैं भी एक महिला हूं.....तो मेरी दिलचस्पी इस खबर पर होना लाज़मी था...मेरे सारे काम रूक गए और मैं ऑफिस के लिए लेट हो रही थी....और मुझे अपना काम भी पूरा करना था तो मैंने टीवी का वाल्यूम तेज कर दिया और अपने दूसरे काम निपटाने लगी तभी एक दर्द भरी चीख सुनाई दी और मैं वापस टीवी के सामने आ गई....एक महिला चीखती रही चिल्लाती रही लेकिन उस बेबस को बचाने किसी के हाथ नहीं उठे....हाथ उठे भी तो सिर्फ़ उसे प्रताड़ित करने वालों के....कोई आता भी कैसे शायद लोगों को उस डायन से अपनी मौत का डर हो...ये तो एक घटना है महिला पर होने वाले अत्याचार की..जिसे उस गांव का पुरूष अंजाम दे रहा है और महिला सह रही है........पर ये सवाल मैं उन पुरूषों से करना चाहूंगी जो समाज में महिला को अबला का दर्जा देता है ..और फिर वही उसे डायन बना कर इतनी सबल बताता है कि वो अपनी ताकत से किसी को मौत देती है....और फिर अपनी ताकत दिखा कर उसे मौत के घाट उतार देता है.... पुऱूष है क्या? पहले वो खुद तय कर ले ताकतवर या कमजोर...भीरू या कायर.....क्योंकि ये घटना मेरे गले नहीं उतर रही...कि अगर महिला डायन हैं तो वो खुद को मारने वालों को कैसे छोड़ सकती है ..और अगर पुरूष ताकतवर है तो वो एक महिला से डर कर उसे मार कर क्या दिखा रहा है.....और समाज जिसके हर घर की धुरी महिला है वो कैसे ये अत्याचार सहन कर रहा है....या उसे भी ये घटना संतुष्टि दे रही है....पुरूष जो औरत के बिना एक कदम नहीं चल सकता.... हर सही-गलत तरीके से उसका दामन चाहता है....वो अगर महिला से इस तरह का व्यवहार करता है तो सोचना होगा कि हमारे समाज में अबला महिला है या पुरूष...........?

6 टिप्पणियाँ:

राज चौहान ने कहा…

बहुत ही सुन्‍दर प्रस्‍तुति ।

kishore ghildiyal ने कहा…

bahut khoob

अजित गुप्ता का कोना ने कहा…

वैसे गम्‍भीरता से विचार किया जाए तो पुरुष बहुत ही कमजोर मानसिकता वाले होते हैं। उनका काम-भाव उन पर हावी रहता है। इसी कारण वे महिला को अपनी मुठ्ठी में कैद रखना चाहता है। ऐसे सारे अपराधों के पीछे महिला का सस्‍ते में उपलब्‍ध न होना ही बहुत बड़ा कारण है।

समय चक्र ने कहा…

निसंदेह दुर्भाग्यपूर्ण है . यह सब अंधविश्वास का परिणाम है ...

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

BAHUT DURBHAGYAPOORN ....

Udan Tashtari ने कहा…

हमारे समाज में अबला महिला है या पुरूष...........?

विचारणीय आलेख.

एक टिप्पणी भेजें