पीएम ने कह कर भी कुछ नहीं कहा


गठबंधन धर्म को निभाते हुए यूपीए सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा किए। बड़े जश्न की तैयारी थी। तमाम व्यवस्थाएं भी हो गई थी। लेकिन मैंगलोर में हुए विमान हादसे ने रंग में भंग कर डाला।  और जश्न मातम में बदल गया।खैर छोड़िए....  अब आते है मुद्दे की बात पर.......
    UPA PART-2 का एक साल पूरे होने पर मनमोहन मीडिया से मुखातिब हुए, राष्ट्रीय पत्रकार सम्मेलन के जरिए। देश के तथाकथित नामी-गिरामी  प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के संपादक  दिल्ली के विज्ञान भवन में जमा हुए। और मनमोहन के सामने तीर से निकले गोली की तरह प्रश्नों का  पत्रकारों ने बौछार करना शुरू किया। आज के इस लाइव मीडिया के दौर में तमाम टेलीविजन चैनल इस प्रेस  कॉन्फ्रेंस को दिखा रहे थे। और अपने चिर-परिचित अंदाज में मनमोहन सिंह  रूआंसे अंदाज में   पत्रकारों के सवालों का जवाब देते नजर आएं।
 सवाल भी पत्रकार बंधु वहीं रटा- रटाया तोते की जुमलाबाजी की तरह  पूछ रहे थे। पहला सवाल जो  एक निजी अंग्रेजी न्यूज चैनल के बंधु ने पूछा.....MR. Manmohan singh whats, your stratigey  to curb the Naxal threat?
   मनमोहन को देश की जनता भले ही राजनीतिज्ञ कम अर्थशास्त्री के रूप में  देखता हों, लेकिन 6 साल से पीएम की कुर्सी संभालकर राजनीति के भी वो माहिर खिलाड़ी बन गए है। बस क्या था। तुरंत मनमोहन ने जवाब देना शुरू किया...... गृहमंत्रालय इस मामले में नक्सल प्रभावित राज्य सरकारों के साथ मिलकर  समस्यां  से निपटने के काम में जुटी है। वहीं नक्सली इलाके में एक बार  प्रधानमंत्री चिदंबरम का डॉयलॉग दुहाराते नजर आएं .... विकास से ही समस्यां का समाधान हो सकता है। वहीं दूसरा सवाल महंगाई जिससे आप हम सब लोग वाकिफ  है। महंगाई को लेकर जनता त्रस्त है। महंगाई के सवाल पर सरकार संसद में भी घिरती रही है। मनमोहन ने दिसंबर तक महंगाई को कम होने का भरोसा देश की जनता  को दिलाया। वहीं एक और सवाल आतंक से जुड़ा अफजल गुरू को फांसी को लेकर था,जिसपर पीएम ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए अपना पल्ला झा़ड़ा। लेकिन सबसे मह्तवूर्ण रहा आप रिटायर कब हो रहे है। मनमोहन ने कहा  कांग्रेस पार्टी और हम चाहते है कि युवा नेतृत्व को मौका मिलें..... और राहुल में पीएम  बनने के  सारे काबिलियत है। लेकिन अगले ही पल पासा बतलते हुए उन्होंने कहा कि हमारे कंधे पर जो काम सौंपे गए है। वो अभी अधूरे है,जब तक वो पूरा नहीं होता है,तब तक रिटायरमेंट का सवाल ही नहीं उठता। कुल मिलाकर पूरे प्रेस वार्ता में मनमोहन ने कह कर भी कुछ भी नया नहीं कहा ,जिसे जनता जानना और समझना चाहती है।

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