चिदंबरम के नाम चिट्ठी
नमस्कार....मत्री जी बहुत दिनों से आपको चिट्ठी लिखने का सोच रहा था पर लगा क्या मालूम आप को इस आम आदमी की बातों पर घ्यान देने के समय है कि नहीं..महोदय मैं एक आम आदमी हूं..वो आम आदमी जिसपर कभी सुखे की मार पड़ती है तो कभी बारिश की..वो आदमी जो महंगाई की वजह से कई बार भूखा सोता है..मैं उन आम आदमियों में से हूं जो कभी आतंकियों की गोलियां खाता है तो कभी नक्सलियों के हाथों मरता हूं....आदरणीय चिदंबरम जी आज छत्तीसगढ़ के बीजापुर में शहीद लोगों को रायपुर के माना में श्रृदांजलि दी गई थी....अचानक मेरी निगाह वहां बनी एक इमारत पर गई जिसे शहीद इमारत का नाम दिया गया है....ये वही इमारत है जिसमें एक महीने पहले दंतेवाड़ा में शहीद हुए जवानों के नाम लिखे थे..और साथ में नीचे खाली छोड़ी गई थी कुछ जगह....आज आठ जाबाजों को खोने के बाद ये जगह कुछ कम हो जाएगी.....पर क्या कभी ऐसा हो पाएगा कि शहीद इमारत के आगे कोई जगह खाली न छोड़ी जाए और हमे यकीन हो कि अब किसी जवान की मौत नक्सली हमले में नहीं होगी...आदरणीय मंत्री जी पिछली बार आप जब यहां शहीदों को श्रृदांजलि देने आए थे तो आपने बहुत बड़ी बड़ी बाते की थी..एक महीने बाद फिर नक्सलियों ने आपको बता दिया है कि आपका हर तंत्र बेकार है औऱ यही ढीलापर बेकसूर जवानों की मौत का जिम्मेदार है...आज ही रायपुर के तिलदा में शहीद जवान टेकराम वर्मा का शव पहुंचा है मैंने शहीद की मां..बीबी और परिवार को फूट फूट कर रोते देखा है....इस परिवार का एक एक आंसू मुझे सोचने पर मजबूर कर रहा था कि क्या देश के नेताओं कि चमड़ी इतनी सख्त हो गई है कि अब उन्हे अपनी राजनीति के आगे कुछ भी दिखाई नहीं देता...आप हो या विपक्ष में बैठी भाजपा..या मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह....ममता बनर्जी हो या वाम दाल आप सब राजनीति में व्यस्त है..नक्सलवाद पर औऱ ग्रीन हंट पर जमकर बयानबाजी चल रही पर जवानों की मौत का सिलसिला जारी है..आज एक और देखने वाली बात थी कि छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह आठ जवानों को श्रृदांजलि देने नहीं पहुंचे......शायद व्यस्त होंगे नक्सलवाद पर दिग्गी राजा की चिट्ठी का जवाब देने........आदरणीय गृह मंत्री जी आप से सिर्फ एक ही सवाल करना चाहता हूं जब पूरी दाल ही काली हो तो हम जैसा आम आदमी क्या करे.....कब तक रोज सुबह उठकर हम जैसा आम आदमी न्यूज पेपर में ये देखते रहेंगे कि फिर एक हमला हुआ औऱ हमने अपने कुछ जवानों के खो दिया...आज तो आपने भी छत्तीसगढ़ में अलर्ट जारी करके बोल दिया कि औऱ हमले हो सकते हैं...कब क्या कभी आप इसी तरह डंके चोट बोल सकते हैं कि अब कोई हमला नहीं होगा....आखिर कब तक रोज लाशों के ढेर देखेगा इस देश का आम आमदी...शर्म की बात तो ये है कि सारे पार्टियों के नेता बस संसद में हंगामा करते हैं....राजनीति करने सरकार के पास भी समय है और विपक्ष के पास भी पर कहां चूक हुई और हो रही है कोई जानने नहीं चाहता..खैर आज के लिए बस इतना ही..एक औऱ नक्सली हमले का इंतजार करते हैं मंत्रीजी फिर आपको दोबारा खत लिखूगा..खैर तब तक आपका अलर्ट जारी रहेगा
एक आम आदमी
1 टिप्पणियाँ:
अच्छा लिखा है आपने.
क्या हिंदी ब्लौगिंग के लिए कोई नीति बनानी चाहिए? देखिए
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