पिछले हफ्ते मैं अल्पप्रवास के लिए अपने घर गया हुआ था.. काफी दिनों बाद मेरी मुलाकात मेरे कुत्ते से हुई....इस कुत्ते को पिछले 8 सालों से हमने पाल रखा है...बहुत दिनों बाद मुझे देखकर मेरा प्यारा कुत्ता तेज-तेज भौंकने लगा....जनाब कुत्ते के भौंकने के भी दो अर्थ होते हैं एक या तो वो आपको कोई चेतावनी दे रहा है या आपको सलामी दे रहा है...इसी दुविधा में मैंने मेरे कुत्ते से पूछा कि भाई मामला क्या है...मेरा कुत्ता मुझसे नाराज था बोला हम कुत्ते हैं वफादार हैं पर शुरू से ही हमारी कोम का मजाक उड़ाया जाता रहा है... पहले धर्मैद फिल्मों में कहते थे 'कुत्ते मैं तेरा खून पी जाऊगा' और अब गडकरी मेरी तुलना लालू और मुलायम से कर रहे हैं.....मुझे भी लगा मेरा कुत्ता सही कह रहा है क्यों कि समय के साथ कहावतों को भी बदल देना चाहिए...पहले दुश्मन से कहा जाता था कि 'तू कुत्ते की मौत मरेगा' या 'तुझे कुत्ते की मौत मार डालूगा' पर आज कौन कुत्तों की मौत मरना नहीं चाहगा....कुत्ते ठाठ से एयर कंडीशनर में बैठते हैं मालिक के साथ गाड़ी में धूमते हैं....दिल्ली में शीला दीक्षित ने ये तक कह दिया कि कुत्तों पर अन्याय हुआ को खैर नहीं..कुत्तों के लिए होस्टल बने हैं .....मालिक की रजाई में कुत्तों की रात बीताते है...पांच सितारा होटलों में कुत्ते खाना खाते हैं....और अगर आपने ज्यादा परेशान किया कुत्तों को तो मेनका गांधी तुरंत आप पर डंडा कर देगी...तो ऐसे समय में गडकरी का किसी नेता से कुत्तों की तुलना करना मुझे तो गलत लगता है...कुत्ता भौंकता है या तो सलामी देने या चेतावनी देने ..पर काटते नहीं और हां जनाब अगर किसी कुत्ते ने आप को काट भी लिया तो चिंता की बात नहीं क्यों की आजकल इनकी कोम को रेबीज के इंजेक्शन लगे होते हैं इसलिए आपको कुछ नहीं होगा....अब आप ही बताईए कौन कुत्ते की मौत मरना नहीं चाहेगा..... ये तो कुछ नहीं आजकल कुत्तों के रिश्वत दिए बिना कई नेता...अभिनेता और मंत्रियों ने आप नहीं मिल सकते....आज कल के नेता ..अभिनेता और मंत्रियों के घर जब आप किसी काम से जाएंगे तो आपका मुकाबला सबसे पहले दरवाजे पर बंधे कुत्ते से होगा और मजाल है कि बिना बिस्कुट खिलाए ये आपको अंदर जाने दें...तो आज किसी कि तुलना गधे को करो...सांप से करो और ज्यादा की गंदी तुलना करनी हो तो इन भ्रष्ट नेताओं से करो... पर कुत्तों से मत करो...क्यों की आज कुत्ता होना किस्मत की बात है...तो ये पूरी कहानी है मेरे कुत्ते की जिसे इस बात का दर्द है कि उसकी तुलना नेताओं से क्यों की गई और सही भी है ये कुत्ते कि कही न कही वो इन नेताओं से ज्यादा ईमानदार है
रोमल भावासार
समय
कुछ अपनी...
इस ब्लॉग के ज़रिए हम तमाम पत्रकारों ने मिलकर एक ऐसा मंच तैयार करने की कोशिश की है, जो एक सोच... एक विचारधारा... एक नज़रिए का बिंब है। एक ऐसा मंच, जहां ना केवल आवाज़ मुखर होगी, बल्कि कइयों की आवाज़ भी बनेंगे हम। हम ना केवल मुद्दे तलाशेंगे, बल्कि उनकी तह तक जाकर समाधान भी खोजेंगे। आज हर कोई मशगूल है, अपनी बात कहने में... ख़ुद की चर्चा करने में। हम अपनी तो कहेंगे, आपकी भी सुनेंगे... साथ मिलकर।
यहां एक समन्वित कोशिश की गई है, सवालों को उठाने की... मुद्दों की पड़ताल करने की। इस कोशिश में साथ है तमाम पत्रकार साथी... उम्मीद है यहां होने वाला हर विमर्श बेहद ईमानदार, जवाबदेह और तथ्यपरक होगा। हम लगातार सोचते हैं, लगातार लिखते हैं और लगातार कहते हैं... सोचिए, अगर ये सब मिलकर हो तो कितना बेहतर होगा। बिल्कुल यही सोच है, 'सवाल आपका है' के सृजन के पीछे। सुबह से शाम तक हम जाने कितने चेहरों को पढ़ते हैं, कितनी तस्वीरों को गढ़ते हैं, कितने लोगों से रूबरू होते हैं ? लगता है याद नहीं आ रहा ? याद कीजिए, मुद्दों की पड़ताल कीजिए... इसलिए जुटे हैं हम यहां। आख़िर, सवाल आपका है।।
सवालों का लेखा जोखा
हम भी हैं साथ
- ABP News
- Adhinath
- Gaurav
- Madhu chaurasia, journalist
- Mediapatia
- Narendra Jijhontiya
- Rajesh Raj
- Shireesh C Mishra
- Sitanshu
- Unknown
- ज्योति सिंह
- निलेश
- निशांत बिसेन
- पुनीत पाठक
- प्रज्ञा
- प्रवीन कुमार गुप्ता
- बोलती खामोशी
- मन की बातें
- महेश मेवाड़ा
- राज किशोर झा
- राजीव कुमार
- शरदिंदु शेखर
- सवाल आपका है...
- हितेश व्यास
- 'मैं'
- abhishek
- ahsaas
- avinash
- dharmendra
- fursat ke pal
- khandarbar
- manish
- monika
- naveen singh
- news zee
- praveen
- ruya
- shailendra
- sourabh jain
- star jain
- swetachetna
- vikrant
तारीख़
Share it
हम साथ साथ हैं
हमराही
Labels
- 2 जनवरी 2011 (1)
- 23 दिसंबर 2011 (1)
- 25 अप्रैल 2011 (1)
- अन्ना (1)
- अपनी खुशी पर भी दें ध्यान (1)
- अबला या सबला? (1)
- अभिषेक मनु सिंघवी (1)
- अर्थ (1)
- आंदोलन (1)
- आखिर कब तक ? (1)
- इडियट (1)
- इस्तीफा (1)
- उदासीनता (1)
- एक पल अनोखा सा (1)
- औरत (1)
- कविता (1)
- कांग्रेस (2)
- कैसे बचाएं लड़कियों को ? (1)
- खसरा (1)
- गरीबी (1)
- गांव (1)
- गीतिका (1)
- गोपाल कांडा (1)
- चिराग पासवान (1)
- छत्तीसगढ़ (1)
- जिंदगीं खतरे में (1)
- जी न्यूज (1)
- जीत (1)
- जीत अस्तित्व की (1)
- ज्योति सिंह (1)
- टीका (1)
- ट्रेन (1)
- डिंपल यादव (1)
- तीर (1)
- दीपावली की शुभकामनाएं (1)
- देश (1)
- नक्शा (1)
- नक्सली (2)
- नरेंद्र जिझौंतिया (3)
- नरेंद्र तोमर का स्वागत गोलियों से (1)
- नारी शक्ति (1)
- निशांत (3)
- नीतीश कुमार (1)
- पंडा (1)
- प्यार या सौदेबाजी (1)
- प्रज्ञा प्रसाद (8)
- फना (1)
- फिल्म (2)
- फेरबदल (1)
- बंगला (1)
- बच्चे (1)
- बसपा (1)
- बापू (1)
- बाल नक्सली (1)
- बिहार (2)
- बॉलीवुड (1)
- भंवरी (1)
- भगदड़ (1)
- भाजपा (3)
- भारत (1)
- भूख (1)
- मंत्रिमंडल (1)
- मक़सूद (4)
- मजबूरी (1)
- मदेरणा (1)
- मधु (1)
- मधु चौरसिया (3)
- मनमोहन सिंह (2)
- ममता बनर्जी (1)
- महंगाई (1)
- महिला (1)
- मां तुमसा कोई नहीं (1)
- मायावती (2)
- मुन्नी (1)
- मूर्ति (1)
- मेरे दिल से (2)
- मॉडल (1)
- मोहन दास करमचंद गांधी (1)
- मोहब्बत (1)
- यश चोपड़ा (1)
- यादें (2)
- युवा पीढ़ी (1)
- ये कैसा रिश्ता ? (1)
- ये कैसी प्यास? (1)
- रंजीत कुमार (1)
- राज किशोर झा (1)
- राजनीति (11)
- राजीव (1)
- राजीव कुमार (7)
- राजेश खन्ना (1)
- राहुल (1)
- राहुल महाजन की शादी (1)
- रेल बजट (2)
- रेलवे (1)
- रॉ वन (1)
- रोमल (6)
- रोमल भावसार (1)
- लब (1)
- लाशों (1)
- लिव इन रिलेशनशिप (1)
- विचार (1)
- विजय दिवस (1)
- विदाई (1)
- विधायक (1)
- वैक्युम (1)
- व्यंग्य (1)
- शर्म (1)
- शहीद (1)
- श्रद्धांजलि (2)
- संसद हमला (1)
- सच (1)
- समाज (2)
- सवाल संस्कृति का है (1)
- साज़िश (1)
- सानिया (1)
- सियासत (1)
- सीडी (1)
- सीधी बात (6)
- सुषमा स्वराज (1)
- सुसाइड (1)
- सेक्स (1)
- सेना (1)
- सेना और खत (1)
- सोनिया (1)
- स्ट्रॉस (1)
- हेडली (1)
- chirag (1)
- cycle (1)
- father (1)
- hitesh (1)
- ICC Worldcup (1)
- manish (1)
- nitish (1)
- Ponting (1)
- Sachin (1)
- www.fifthangle.com (1)
1 टिप्पणियाँ:
बेचारा कुत्ता, कितना दुखी हुआ होगा.
एक टिप्पणी भेजें