शर्मसार हुई इंसानियत

आज सुबह टीवी पर एक खबर फ्लैश हुई .....जिसे देखने के बाद मुझे ऐसा लगा कि इस खबर ने रायपुर को शर्मसार कर दिया....लेकिन मेरा ऐसा मानना कहां तक सही है ये तो मुझे भी नहीं पता...लेकिन खबर ही ऐसी थी कि मैं सिहर उठी ......जब पता चला कि रायपुर के राजातालाब में 12 साल की बच्ची से बलात्कार कर उसे लहुलूहान कर दिया गया..और हर बार की तरह आरोपी फरार हो गया ...बच्ची अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है ... माता-पिता अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहे हैं औऱ पुलिस हरबार की तरह घटना की तफ्तीश में जुट गई है....यहां पर ये केवल एक घटना थी लोंगो के लिए जो थोड़ी आह के साथ पुरानी हो जायेगी...फिर कोई ये भी जानने की कोशिश नहीं करेगा कि उस बच्ची को इंसाफ मिला भी या नहीं...पर उसकी जिंदगी तो तबाह हो चुकी ..तन के घाव तो एक नएक दिन भर ही जायेंगे पर पुऱूष के प्रति मन की दहशत क्या कभी जायेगी या फिर उसे समाज से दूर करके एक औऱ निराशा में ढ़केल दिया जायेगा पता नहीं....चलिए थोड़ा कानून के झरोखे में भी झांक ले वहां क्या चल रहा है...वहां चलेगी थोड़ी छानबीन और फिर फाइल बंद यही तो होता है तब... जब प्रार्थी गरीब हो.....कानून को तो हर बात का सुबूत चाहिए आपको क्या लगता है इस मामले में भी सुबूत मिल जाने के बाद क्या इंसाफ होता है ....या इस जुर्म की कोई सजा सही वक्त पर किसी को मिली है.....फिर अपराधी भला क्यों डरेगा जुर्म से.....ये सवाल सोचने का है...किसके लिए लड़की के मां-बाप के लिए,कानून के लिए या फिर हम और आप जैसे के लिए जो इस खबर से कांप जाते हैं....शायद इसी डर से माता-पिता लड़की के जन्म पर खुश नही होते....या फिर लड़की को घर की चार दीवारी में कैद रखते हैं ...या फिर जन्म लेने से पहले ही मार देते हैं....आप ही बताएं इस हैवानियत से कैसे बचाएं अपनी बच्चियों को ........

4 टिप्पणियाँ:

honesty project democracy ने कहा…

अच्छी जानकारी से भरी विवेचना को ब्लॉग पर सुन्दर ढंग से प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद / ऐसे ही प्रस्तुती और सोच से ब्लॉग की सार्थकता बढ़ेगी / आशा है आप भविष्य में भी ब्लॉग की सार्थकता को बढाकर,उसे एक सशक्त सामानांतर मिडिया के रूप में स्थापित करने में,अपना बहुमूल्य व सक्रिय योगदान देते रहेंगे / आप और आपके मित्रों से हमारा आग्रह है की , देश हित में हमारे ब्लॉग के इस पोस्ट http://honestyprojectrealdemocracy.blogspot.com/2010/04/blog-post_16.html पर पधारकर १०० शब्दों में अपना बहुमूल्य विचार भी जरूर व्यक्त करें / विचार और टिप्पणियां ही ब्लॉग की ताकत है / हमने उम्दा विचारों को सम्मानित करने की व्यवस्था भी कर रखा है / इस हफ्ते उम्दा विचार के लिए अजित गुप्ता जी सम्मानित की गयी हैं /

M VERMA ने कहा…

निरीह बच्चियाँ शिकार बनती ही रहती हैं
कानून की बेबसी यहीं समझ में आती है कि अपराधी ताल ठोक कर घूमते रहते हैं

girish pankaj ने कहा…

vaasanaa ki aag me sabase pahale vivek jaltaa hai. vivek nahi rahaa to manush pashu ho gayaa. ar pashu ho gayaa to fir.. vahi hotaha hai jo likha-bataya gaya, aadmi kitanaa neech banegaa, kitanaa girega.yahi karan hai ki maang kee jatee hai ki balaatkaree ko faansee do. aur bhai, tippani dene vaale bhi gazab ke hai, marmik rapat ko kah rahe hai- achchhi jankaari dene ke liye dhanyvaad..? khair, ummeed hi jyoti ki rapat se kuchh papiyon ki jyoti to khulegi. prabhu, unhe bilkul bhi maaf mat karnaa, jo janate the ki unhone kyaa kiyaa.

दिलीप ने कहा…

manavta ko kya ho gaya...bahut afsos hua jaankar...

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