महंगाई बढ़ने के फायदे

अब तक जहां भी देखा, पढ़ा और सुना... हर जगह महंगाई के नुकसान ही गिनाए गए... कितनी भाषणबाज़ी, बंद और सियासत भी हो गई इस पर... लेकिन जिस तरह से हर सिक्के के दो पहलू होते हैं... इसके भी हैं... इसलिए आज मैं फोकस करुंगी इससे होने वाले फायदे पर... जिनपर संभवतः अब तक किसी का ध्यान नहीं गया है....महंगाई बढ़ने का सबसे बड़ा फ़ायदा तो ये है कि लड़कियों और महिलाओं को बांधकर रखने वाला समाज अब थोड़ा उदार हो गया है... पुरुष भी जो पहले अपने अहम के मारे होते थे... अब इसे साइड में रखकर चल रहे हैं... पहले पुरुष सोचता था... जब मैं कमा ही रहा हूं तो घर की औरत को कमाने के लिए बाहर निकलने की ज़रूरत ही क्या है... मैं क्या नामर्द हूं जो औरत की कमाई खाउंगा... औरत तो घर के कामकाज के लिए बनी है... लेकिन भला हो इस महंगाई का जिसने पुरुष को धरातल पर लाकर खड़ा कर दिया है... अब उसे पता चल गया है कि अगर घर ठीक से चलाना है... सुख-सुविधा के साथ रहना है... बच्चों की अच्छी परवरिश करनी है तो दोनों को समान रूप से घर और बाहर हाथ बंटाना होगा... महंगाई ने स्त्री को खुद ही समानता का अधिकार दे दिया... जिस बात को पुरुषों को बरसों से समझाया जा रहा था कि स्त्री-पुरुष एक-दूसरे के पूरक हैं और उन्हें हर काम मिलकर करना चाहिए... वो महंगाई के कारण खुद ब खुद उनकी समझ में आ गई... अब तो बाकायदा लड़के कामकाजी लड़कियों की डिमांड कर रहे हैं...अब जब कामकाजी लड़कियों की डिमांड होगी तो दहेज तो अपने आप ही कम हो जाएगा... क्योंकि लड़के के परिवारवोलों को लगता है कि ये तो सोने के अंडे देने वाली मुर्गी है... हर महीने तनख्वाह लाएगी... अब बताइए... महंगाई किस तरह से दहेज के खिलाफ भी अपना योगदान दे रही है... ऊपर से कमाने के कारण लड़की को समाज-परिवार में मान-सम्मान अलग... बोनस में... लड़की आत्मनिर्भर हुई वो अलग... और पति की सही मायनों में सहचरी भी हुई... और अब के लड़कों को भी अपनी पत्नी की प्रगति से खासी खुशी मिलती है... पैसों के लालच में नहीं बल्कि जेन्यूनली... उनकी मानसिकता भी बदल रही है... और वे चाहते हैं कि उनकी पत्नी भी किसी भी मायनों में उनसे कम न हो...महंगाई के कारण बेटा-बेटी में भेद करने वाले माता-पिता भी आजकल लड़कियों की पढ़ाई के बारे में गंभीरता से सोच रहे हैं... और युवा से लेकर पैरेंट्स तक का रुझान करियर ओरिएंटेड कोर्सेस में पढ़ रहा है... जबकि पहले आर्ट्स सब्जेक्ट ही लड़कियों को थमा दिया जाता था... या बहुत से बहुत किसी तरह बीए करवाकर मां-बाप अपने कर्तव्यों की इतिश्री समझ लेते थे... या सिलाई-कढ़ाई जैसी चीजें सिखाकर ससुराल भेज देते थे...अब भआरतीय अर्थव्यवस्था में स्त्री-पुरुष बराबर का योगदान कर रहे हैं... और हमारी अर्थव्यवस्था और हमारा देश सही मायनों में महाशक्ति बनकर उभर रहा है... लड़कियों के आत्मनिर्भर होने के कारण अब परिवार भी ज्यादा संपन्न हो रहा है... इससे ये भी फ़ायदा हो रहा है कि वे अपना मनपसंद जीवनसाथी भी चुन रही हैं... और समाज उनकी पसंद पर मुहर भी लगा रहा है... वे यूं ही अत्याचार नहीं सह रहीं... बल्कि उनमें अब परिस्थितियों से लड़ने का साहस भी आ गया है... और आपने गौर किया होगा कि महंगाई बढ़ रही है लेकिन उसके साथ ही परचेज़िंग पावर में भी गज़ब का इज़ाफ़ा हुआ है....तो जब महंगाई के इतने फ़ायदे हैं तो भला हो इस महंगाई का................

2 टिप्पणियाँ:

बेनामी ने कहा…

बहुत खूब, एक नया नज़रिया

निशांत बिसेन ने कहा…

टिपिकल महिला मानसिकता !!!

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