अमन का आगाज़


बहुत हो चुकी खूनी जंग

अब अमन का आगाज करें।

खत्म करें दुश्मनी का सिलसिला

एक नए रिश्ते की बुनियाद रखें।

मिटा दें हर गिले-शिकवे को

अब हर कदम एक साथ चलें।

हम पड़ोसी है इक-दूजे के

फिर क्यों आपस में नाराज रहें।

मिटा के दिलों की सभी दूरियां

क्रिकेट से नई शुरुआत करें।

1 टिप्पणियाँ:

बेनामी ने कहा…

bahut khub narendra.... aao nai suruaat karen.

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