समय
कुछ अपनी...
सवालों का लेखा जोखा
हम भी हैं साथ
- ABP News
- Adhinath
- Gaurav
- Madhu chaurasia, journalist
- Mediapatia
- Narendra Jijhontiya
- Rajesh Raj
- Shireesh C Mishra
- Sitanshu
- Unknown
- ज्योति सिंह
- निलेश
- निशांत बिसेन
- पुनीत पाठक
- प्रज्ञा
- प्रवीन कुमार गुप्ता
- बोलती खामोशी
- मन की बातें
- महेश मेवाड़ा
- राज किशोर झा
- राजीव कुमार
- शरदिंदु शेखर
- सवाल आपका है...
- हितेश व्यास
- 'मैं'
- abhishek
- ahsaas
- avinash
- dharmendra
- fursat ke pal
- khandarbar
- manish
- monika
- naveen singh
- news zee
- praveen
- ruya
- shailendra
- sourabh jain
- star jain
- swetachetna
- vikrant
किसानों के दर्द से कराही राजधानी
इस जनादेश के मायने...
बेटा साइकिल चलाना सीख गया
मेरा बेटा 5 साल का है.. सभी बच्चों की तरह शरारती है चंचल है और ढेर सारे भारी भरकम सवाल भी करता है.. खैर यहां मुद्दा ज़रा जुदा है.. पिछले हफ्ते की बात है वो साइकिल चलाना सीख गया.. इसमें कोई अजूबे वाली बात नहीं है.. हर बच्चा सीखता है.. हम भी सीखे थे आप भी सीखे थे.. ताज्जूब इस बात का है कि वो बिना किसी की सहायता के साइकिल चलाना सीख गया.. मैनें भी सीखी थी लेकिन पिताजी पीछ-पीछे दौड़ा करते थे एक हाथ से साइकिल का कैरियर पकड़ कर और मुझे लगता था कि मैं तीसमार ख़ां साइकिल चला रहा हूं.. बीच में जैसे ही पिताजी हाथ छोड़ते तो थोड़ी दूर लड़खड़ाते हुए जाने के बाद अक्सर धम्म से गिर जाया करता था.. ये बीते हुए कल का गहरा फलसफा था कि बाप के सहारे के बिना एक कदम भी चल पाना कितना दुभर था और शायद यही छोटे-छोटे कारण है कि आज
भी ज़िंदगी के हर पड़ाव पर पिताजी के साथ होने का एहसास, सुरक्षित होने का सुकून देता है .. लेकिन आज कमबख्त technology ने हर रिश्तों की मिठास को फीका कर दिया है.. emotions भी प्लास्टिक के बना दिए गए हैं.. मैं यहां ये नहीं कह रहा कि आज बचपन में बच्चों को बाप के सहारे की ज़रूरत नहीं... ज़रूरत है लेकिन नए परिवेश में, नए आवरण में.. अब साइकिल चलाने की बात ही ले लिजिए.. तकनीक ने साइकिल को ऐसा modify किया कि बाप को साइकिल सीखते बच्चे के पीछे दौड़ना नहीं पड़ता... बच्चे ऐसे ही सीख जाते हैं जैसे मेरा बेटा सीख गया...मैं चाहकर भी उसके पीछे नहीं दौड़ सका.. वैसे बेटे के इतना जल्दी साइकिल सीखने की मुझे बेहद खुशी है लेकिन जिम्मेदारी और सुरक्षा का भाव लिए अपने बच्चे के पीछे उसे सहारा देने के लिए नहीं दौड़ पाने का मलाल भी है और डर भी कि कहीं इसी तरह तकनीक के जादूगरों के नए-नए इजाद जिंदगी के हर पड़ाव में बाप होने के एहसास को धुमिल ना करते जाएं और रिश्तों की अहमियत कम होती जाए.. शायद में कुछ ज्यादा ही possessive हो रहा हूं.. लेकिन हालात भी तो कुछ ऐसे ही बनते जा रहे हैं.. पहले हम खाली समय में पिताजी की गोद में बैठकर उनकी मूंछ के बालों से खेला करते थे और अपने ऊटपटांग सवालों पर भी उनसे सही जवाब की इच्छा रखते थे और यक़ीन मानिये जवाब मिलता भी था.. आज बच्चे cartoon network पर ना जाने कौन-कौन से cartoon character को अपना Maximum समय समर्पित कर देते हैं... एक अलग दुनिया बन गई है..और ये दायरा, ये फासला समय के साथ बढ़ता जाता है.. पिताजी पापा से डैड बन जाते हैं और फिर generation gap का उदाहरण भी...शायद जैसा मैनें ऊपर ज़िक्र भी किया हमें अपने आप को नए परिवेश में ढालना होगा, नए आवरण को ओढ़ना होगा.. उच्च तकनीक के साथ तेजी से भागते समय के साथ हमें भी दौड़ लगानी होगी.. ताकी 'हम' बच्चों की उंगली पकड़ कर चल सकें...
तारीख़
Share it
हम साथ साथ हैं
हमराही
Labels
- 2 जनवरी 2011 (1)
- 23 दिसंबर 2011 (1)
- 25 अप्रैल 2011 (1)
- अन्ना (1)
- अपनी खुशी पर भी दें ध्यान (1)
- अबला या सबला? (1)
- अभिषेक मनु सिंघवी (1)
- अर्थ (1)
- आंदोलन (1)
- आखिर कब तक ? (1)
- इडियट (1)
- इस्तीफा (1)
- उदासीनता (1)
- एक पल अनोखा सा (1)
- औरत (1)
- कविता (1)
- कांग्रेस (2)
- कैसे बचाएं लड़कियों को ? (1)
- खसरा (1)
- गरीबी (1)
- गांव (1)
- गीतिका (1)
- गोपाल कांडा (1)
- चिराग पासवान (1)
- छत्तीसगढ़ (1)
- जिंदगीं खतरे में (1)
- जी न्यूज (1)
- जीत (1)
- जीत अस्तित्व की (1)
- ज्योति सिंह (1)
- टीका (1)
- ट्रेन (1)
- डिंपल यादव (1)
- तीर (1)
- दीपावली की शुभकामनाएं (1)
- देश (1)
- नक्शा (1)
- नक्सली (2)
- नरेंद्र जिझौंतिया (3)
- नरेंद्र तोमर का स्वागत गोलियों से (1)
- नारी शक्ति (1)
- निशांत (3)
- नीतीश कुमार (1)
- पंडा (1)
- प्यार या सौदेबाजी (1)
- प्रज्ञा प्रसाद (8)
- फना (1)
- फिल्म (2)
- फेरबदल (1)
- बंगला (1)
- बच्चे (1)
- बसपा (1)
- बापू (1)
- बाल नक्सली (1)
- बिहार (2)
- बॉलीवुड (1)
- भंवरी (1)
- भगदड़ (1)
- भाजपा (3)
- भारत (1)
- भूख (1)
- मंत्रिमंडल (1)
- मक़सूद (4)
- मजबूरी (1)
- मदेरणा (1)
- मधु (1)
- मधु चौरसिया (3)
- मनमोहन सिंह (2)
- ममता बनर्जी (1)
- महंगाई (1)
- महिला (1)
- मां तुमसा कोई नहीं (1)
- मायावती (2)
- मुन्नी (1)
- मूर्ति (1)
- मेरे दिल से (2)
- मॉडल (1)
- मोहन दास करमचंद गांधी (1)
- मोहब्बत (1)
- यश चोपड़ा (1)
- यादें (2)
- युवा पीढ़ी (1)
- ये कैसा रिश्ता ? (1)
- ये कैसी प्यास? (1)
- रंजीत कुमार (1)
- राज किशोर झा (1)
- राजनीति (11)
- राजीव (1)
- राजीव कुमार (7)
- राजेश खन्ना (1)
- राहुल (1)
- राहुल महाजन की शादी (1)
- रेल बजट (2)
- रेलवे (1)
- रॉ वन (1)
- रोमल (6)
- रोमल भावसार (1)
- लब (1)
- लाशों (1)
- लिव इन रिलेशनशिप (1)
- विचार (1)
- विजय दिवस (1)
- विदाई (1)
- विधायक (1)
- वैक्युम (1)
- व्यंग्य (1)
- शर्म (1)
- शहीद (1)
- श्रद्धांजलि (2)
- संसद हमला (1)
- सच (1)
- समाज (2)
- सवाल संस्कृति का है (1)
- साज़िश (1)
- सानिया (1)
- सियासत (1)
- सीडी (1)
- सीधी बात (6)
- सुषमा स्वराज (1)
- सुसाइड (1)
- सेक्स (1)
- सेना (1)
- सेना और खत (1)
- सोनिया (1)
- स्ट्रॉस (1)
- हेडली (1)
- chirag (1)
- cycle (1)
- father (1)
- hitesh (1)
- ICC Worldcup (1)
- manish (1)
- nitish (1)
- Ponting (1)
- Sachin (1)
- www.fifthangle.com (1)